Eros Times: एमिटी विश्वविद्यालय में छात्रों को पर्यावरण, समाजिक और कोरपोरट प्रशासन सहित बैकिंग वित्तीय सेवाएं एंव बीमा के क्षेत्र में चुनौतियां और अवसरो की जानकारी प्रदान करने के लिए एमिटी विश्वविद्यालय के एमिटी स्कूल ऑफ इंश्योरेंस बैकिंग एंड एक्चुरियल साइंसेस द्वारा ‘‘ईएसजी और बीएफएसआई क्षेत्र – चुनौतियां और अवसर ’’ पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का शुभारंभ जे एंड के बैंक के एमडी और सीईओ बलदेव प्रकाश, एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान, विलस टाॅवर वाॅटसन के मैनेजिंग पाटर्नर विवेक जलान, एएक्सए क्लाइमेंट के इंडिया प्रमुख पंकज तोमर, एमिटी ग्रुप वाइस चांसलर डा गुरिंदर सिंह और एमिटी स्कूल ऑफ इंश्योरेंस बैकिंग एंड एक्चुरियल साइंसेस के निदेशक ए पी सिंह द्वारा किया गया।
सम्मेलन का शुभारंभ जे एंड के बैंक के एमडी और सीईओ बलदेव प्रकाश ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की अभूतपूर्व चुनौतियों के साथ स्थिरता के विचार को महत्वपूर्ण माना जा रहा है और पर्यावरण स्थिरता के साथ लागू करना सर्वोपरि होता जा रहा है। बीमा क्षेत्र वर्तमान में जिन प्रमुख चुनौतियों का सामना कर रहा है उनमे जलवायु परिवर्तन, गरीबी और असामनता है। सरकार इन चुनौतियों से पार पाने और हरित वित्त उपकरण, साॅवरेन ग्रीन ब्रान्ड और अन्य पहल प्रारंभ करके सतत आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है। बीमा और बैकिंग क्षेत्र के विकास और परिवर्तन के लिए एक गतिशील वातावरण बनाने के लिए और बैकिंग वित्तीय सेवाओं सहित बीमा क्षेत्र में पर्यावरण, समाजिक और कोरपोरेट प्रशासन के लिए मजबूत उद्योग – शैक्षणिक सहयोग की आवश्यकता है।
एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान ने कहा कि एमिटी ने महान मानवीय मूल्यों के साथ उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने में अपने लिए एक मानक स्थापित किया है। छात्रों को विशेषज्ञों की बात ध्यान से सुननी चाहिए और उन्हे आत्मसात करना चाहिए। सम्मेलन में आये विशेषज्ञों के अनुभवों से आपको क्षेत्र में सफल होने की जानकारी प्राप्त होगी। आज किसी भी क्षेत्र में अवसरो की कमी नही है फिर भी छात्रों को अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए दृढ़ संकल्प रखना होगा।
विलस टाॅवर वाॅटसन के मैनेजिंग पाटर्नर विवेक जलान ने कहा कि बीमांकिक विज्ञान पिछले कुछ वर्षो में तेजी से विकसित हुआ है और वैश्विकरण के कारण इस क्षेत्र में पर्याप्त अवसर है। बीमा क्षेत्र का निजीकरण कर दिया गया है और बहुत से छात्र बैकिंग और वित्त के क्षेत्र में अपनी पढ़ाई करने का विकल्प चुन रहे है। पिछले कुछ वर्षो में बीमा कंपनियों की संख्या मे भारी वृद्धि हुई है और आम जनता बीमा पाॅलिसियों, निवेशों और रिटर्न के बारे में अत्यधिक जागरूक हो गई है हांलाकि, बीमाकिंक या बीमा एजेंटो को उपभोक्ताओं को पाॅलिसी लेने के फायदे समझाने में सक्षम होना चाहिए क्योकि लोग इन दिनों बहुत ज्ञिज्ञासु है और अपने निवेश पर लाभ, निहितार्थ और रिर्टन को जानना चाहते है।
एएक्सए क्लाइमेंट के इंडिया प्रमुख पंकज तोमर ने कहा कि सेमिनार का विषय बहुत उपयुक्त है क्योकि सरकार वित्त क्षेत्र सहित सभी क्षेत्रों में सतत विकास लक्ष्यों पर ध्यान केद्रित कर रही है। यह क्षेत्र विशिष्ट रूप से परिसंपत्तियों के साथ साथ देनदारियों के मामले में भी जलवायु जोखिम के संर्पक में है। बैकिंग और बीमा ईएसजी रणनितियों के मूल में है जिसका उददेश्य पर्यावरण की रक्षा करना, समानता को बढ़ावा देना और पारदर्शिता सहित विश्वास को बढ़ावा देना है जिससे इन तीनों स्तंभों सहित बहुआयामी दृष्टिकोण को अपनाया जा सके।
छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए एमिटी ग्रुप वाइस चांसलर डा गुरिंदर सिंह ने कहा कि बैकिंग वित्तीय सेवाएं और बीमा क्षेत्र तेजी से टिकाउ और जिम्मेदार व्यवसायिक प्रथाओं के महत्व को पहचान रहे है और इसलिए छात्रों को यह सीखना चाहिए के इसे कैसे अपनाया जा सके। बीमा क्षेत्र में व्यवसायिक प्रथाओं को लागू करना और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है इसलिए बिना निराश हुए दृढ़ इच्छाशक्ती के साथ आगे बढ़ता रहना चाहिए।
एमिटी स्कूल ऑफ इंश्योरेंस बैकिंग एंड एक्चुरियल साइंसेस के निदेशक ए पी सिंह ने स्वागत करते हुए कहा कि आज के व्यवसायिक परिदृश्य में पर्यावरण, समाजिक और कोरपोरेट प्रशासन बहुत महत्व रखता है। वित्तीय उद्योग के संचालन में बुनियादी बदलाव आ रहा है। यह हितधारको और निवेशकों से बातचीत करता है और यह सतत विकास, नैतिक शासन और सार्थक नितियों पर जो देते हुए आर्थिक सफलता, पर्यावरण और समाजिक कल्याण को संतुलित करता है। यह सम्मेलन बीमा एंव बैकिंग क्षेत्र में चुनौतियों से पार पाने के लिए युवा पेशवरों, शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और कोरपोरेट विशेषज्ञों को एक मंच प्रदान कर रहा है।
सम्मेलन के तकनीकी सत्र के अंर्तगत ‘‘ईएसजी – बीमाकर्ताओं के लिए रोडमैप’’ और ‘‘ सतत वित्त और एमसएसएमई सेक्टर विषष पर परिचर्चा सत्रों का आयोजन भी किया गया।