अज्ञानता ही मनुष्य के पतन का मूल कारण है―आचार्य योगेन्द्र शास्त्री
नोएडा, इरोस टाइम्स: केन्द्रीय आर्य युवक परिषद नई दिल्ली के तत्वावधान में डा.अशोक कुमार चौहान (संस्थापक अध्यक्ष एमिटी शिक्षण संस्थान) व् अमिता चौहान चेयर पर्सन, एमिटी इन्टर नेशनल स्कूल्स) के सान्निध्य में व परिषद अध्यक्ष डॉ अनिल आर्य के कुशल नेतृत्व में चल रहे विशाल आर्य युवक चरित्र निर्माण व व्यक्तित्व विकास शिविर के चतुर्थ दिन जालंधर पंजाब से पधारे सरदार सुरेन्द्र सिंह गुलशन के मधुर ईश भक्ति व देश भक्ति के भजनों से युवकों में अद्भुत जोश भर दिया।
इस अवसर पर वैदिक विद्वान व प्रवक्ता आचार्य योगेन्द्र शास्त्री ने समाज में व्याप्त नाना प्रकार के अंधविश्वास, पाखण्ड , सामाजिक कुरीतियां व गुरुडम के नाम पर लोगों से धोखा धडी, तंत्र-मंत्र आदि के प्रसार का मूल कारण अज्ञानता बताया ओर कहा किसी भी वस्तु पर विश्वास करने से पहले सत्यासत्य का परीक्षण अवश्य कर लें।
शिविर संयोजक महेंद्र भाई ने कहा की आज तीन तरह के व्यक्ति हैं पहले वो जो मानते हैं जानते नहीं, दुसरे वो जो जानते है पर मानते नहीं, किन्तु तीसरे वे श्रेष्ठ लोग हैं जो जानते भी हैं और मानते भी हैं इसलिए वे सुखी भी हैं।
इस अवसर पर केन्द्रीय आर्य युवक परिषद उ०प्र० के प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने युवकों को उद्बोधन प्रदान करते हुये बताया कि ईश्वर संसार के कण कण में समाया हुआ है, सर्वान्तर्यामी ओर घट घट वासी है वह, हम मन में भी कुछ हैं तो उसे तत्काल पता होता है। ईश्वर को सर्वत्र जानने वाला व्यक्ति पापाचरण में संलिप्त नहीं होता,ईश्वर के नियम शाश्वत ओर अटल हैं, कर्म करने में हम स्वतंत्र हैं, लेकिन फल उसके आधीन है, मनुष्य को अपने किये कर्मों का फल अवश्य ही भोगना होता है, अतः हमें शुभ कर्म ही करने चाहिये। प्रभु द्वारा प्रदत्त भोग भी हमे त्याग पूर्वक भोगने चाहिएं क्योंकि भोग कभी समाप्त नहीं होते भोगते-2 हम ही समाप्त हो जाते हैं।
आर्य ने आगे बताया कि यह धन किसका है? यह धन तो परमपिता परमात्मा का है और उसने सबको सबके कर्मानुसार दिया है, अतः हमें किसी के धन को अन्याय आचरण से ग्रहण नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही एक मधुर भजन “ओ३म् का सिमरन किया करो, प्रभु के सहारे जिया करो, जो दुनिया का मालिक है नाम उसी का लिया करो” से समा बांध दिया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से आर्य नेता अमीरचंद रखेजा, सूर्य देव व्यायाम आचार्य, योगेन्द्र शास्त्री, त्रिलोक कुमार शास्त्री, व्यायामाचार्य सौरभ गुप्ता व अरुण आदि मौजूद रहे।