नई दिल्ली इरोस टाइम्स: साल 2016 के दौरान पूरे भारत में डाटा ट्रैफिक के उपभोग को बढ़ाने में 4जी टेक्नोलॉजी की मुख्य भूमिका रही। नोकिया की स्टडी के मुताबिक, 4जी टेक्नोलॉजी की वजह से डाटा वॉल्यूम में 60 फीसद का इजाफा हुआ। नोकिया ने अपने सालाना मोबाइल ब्राडबैंड इंडेक्स अध्ययन के दौरान देश में मोबाइल ब्राडबैंड प्रदर्शन का आकलन किया है।अध्ययन में बताया गया है कि साल 2016 में देशभर में डाटा ट्रैफिक का मुख्य स्त्रोत 4जी रहा।
हालांकि, देशभर के सभी सर्किल्स में 4जी कवरेज अभी लॉन्च नहीं किया गया है, लेकिन एक साल में ही पूरे देश में डाटा ट्रैफिक में इसका योगदान 13 प्रतिशत रहा।
इस स्टडी के अनुसार मेट्रो सिटीज, जहां 4G का सबसे अधिक विस्तार हुआ है, वहां 4G डाटा ट्रैफिक का योगदान 26 प्रतिशत है। 3G ने अपनी औसत बढ़त को 63 प्रतिशत के साथ जारी रखा है। नोकिया ने बताया कि यह डाटा विश्लेषण दिसंबर आए आंकड़ों पर किया गया है और इसमें रिलायंस जियो का योगदान शामिल नहीं हैं। अध्ययन के मुताबिक, एक महीने में कोई भी यूजर जितना 4जी डाटा इस्तेमाल करता है, वो 3जी की औसत खपत से दोगुना है। एक महीने में 4जी यूजर 1400 एमबी से ज्यादा डाटा इस्तेमाल करता है। जबकि 3जी यूजर एक महीने में करीब 850 एमबी ही इस्तेमाल करता है। मुख्य रूप से 4जी नेटवर्क पर तेज डाउनलोड स्पीड और 4जी डिवाइस के ज्यादा रेजोल्यूशन वाली स्क्रीन के चलते ज्यादा डाटा खर्च होता है।
4जी इनेबल्ड डिवाइस ईको-सिस्टम को बढ़ाने में सस्ती डिवाइसेस का काफी योगदान रहा है। साथ ही डाटा ट्रैफिक में 4जी और 3जी ने मिलकर देशभर में 76 फीसद का योगदान दिया। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि 2जी में 13 फीसद की गिरावट आई है, लेकिन अब भी वह वॉयस टेलिफोनी का मुख्य स्त्रोत बना हुआ है।
आपको बता दें कि यूजर्स ने ज्यादातर डाटा सोशल मीडिया और मैसेजिंग एप्लिकेशन के लिए इस्तेमाल किया है। इस तरह की एप्स यूजर्स को ज्यादा से ज्यादा खुद से जोड़े रखती हैं। अगर आंकड़ें देखे जाएं तो करीब 90 फीसद यूजर्स सोशल मीडिया और मैसेजिंग एप्स को अपने मोबाइल डिवाइस से इस्तेमाल करते हैं। वहीं, 65 फीसद मोबाइल डाटा ट्रैफिक केवल वीडियो कंटेंट से आता है।