EROS TIMES:एमिटी विश्वविद्यालय और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा एमिटी विश्वविद्यालय बैंगलोर में ‘‘एआई, डेटा एनालिटिक्स और एस्ट्रोबायोलॉजी’’ विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का शुभारंभ इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ, राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर, हैदराबाद के निदेशक डॉ. प्रकाश चौहान, इसरो में क्षमता निर्माण और सार्वजनिक आउटरीच के निदेशक डॉ. सुधीर कुमार एन, एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान और एमिटी विश्वविद्यालय बैंगलोर के चांसलर डा असीम चौहान द्वारा किया। इस कार्यशाला में इसरों के वैज्ञानिकों समेत एमिटी विश्वविद्यालय नोएडा के वरिष्ठ वैज्ञानिको डा डब्लू सेल्वामूर्ती, डा ए के सिंह, डा नीरज शर्मा आदि ने प्रस्तुती दी।
इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा कि मेरा मानना है कि एमिटी विश्वविद्यालय में क्षमता है कि वे अंतरिक्ष, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर सकते हैं। अपने संबोधन के दौरान, उन्होंने इसरो के साथ सहयोग करने, उद्योग की चुनौतियों को समझने और अनुवाद संबंधी अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करने और डिलिवरेबल्स पर काम करने के महत्व पर जोर देने की पहल के लिए एमिटी विश्वविद्यालय की प्रशंसा की। उन्होंने सहयोग और पारस्परिक विकास के क्षेत्रों की पहचान के लिए इसरो के समर्थन का आश्वासन दिया।
एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान ने कहा कि हममें दृढ़ विश्वास दिखाने के लिए एमिटी डॉ. एस. सोमनाथ के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता है और आज इस कार्यशाला में उनकी उपस्थिति से आभारी हूं। उन्होंने अंतरिक्ष अनुसंधान में नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एमिटी की प्रतिबद्धता की पुष्टि की और आगे कहा, कि हम शोध व विकास सहित अकादमिक भागीदार बनने में अग्रणी बनने कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। डा चौहान ने कहा कि भारतीयों के पास दुनिया में सबसे अच्छा मस्तिष्क है जिससे वे हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहे है।
उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान एमिटी विश्वविद्यालय बैंगलोर के चांसलर डॉ. असीम चौहान ने उपस्थित लोगों का स्वागत किया और एमिटी और इसरो के बीच सहयोग का मार्ग प्रशस्त करने में उनकी भूमिका को स्वीकार करते हुए, उनकी अमूल्य उपस्थिति और मार्गदर्शन के लिए डॉ. एस. सोमनाथ जी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने एमिटी और माननीय संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान के दृष्टिकोण को इसरो की आकांक्षाओं के साथ जोड़ने में शामिल सभी लोगों के अथक प्रयासों की सराहना की।
एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने ‘‘एमिटी स्पेस मिशन’’ पर प्रकाश डालते हुए अंतरिक्ष, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति एमिटी के महत्वपूर्ण योगदान को प्रदर्शित किया। उन्होंने अंतरिक्ष अनुसंधान में एमिटी के प्रयासों पर जोर दिया, जिसमें एमिटी ग्राउंड स्टेशन दुबई, एमिटी विश्वविद्यालय मुंबई में एमिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोबायोलॉजी, एमिटी विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ में एमिटी सेंटर ऑफ आयनोस्फीयर स्टडीज और एमिटी सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एमिटी नोएडा की स्थापना शामिल है। डॉ. सेल्वामूर्ति ने एमिटी इंटरनेशनल स्कूल, नोएडा के छात्रों की उपलब्धियों की भी सराहना की, जिन्होंने नासा स्पेस सेटलमेंट डिजाइन प्रतियोगिता में तीन बार प्रथम पुरस्कार जीता।
राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर, हैदराबाद के निदेशक डॉ. प्रकाश चौहान ने कहा कि मशीन लर्निंग, एआई और एस्ट्रोबायोलॉजी जैसी उन्नत तकनीकों के माध्यम से इष्टतम उपयोग की आवश्यकता पर बल देते हुए एनआरएससी के पास चल रही गतिविधियों और उपलब्ध विशाल डेटासेट पर प्रकाश डाला।
एमिटी फांउडेशन फॉर साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन एलांयस के उपाध्यक्ष डॉ. ए.के. सिंह ने चंद्रयान प्रक्षेपण के दौरान सभी एमिटी परिसरों में आयोजित आध्यात्मिक हवन समारोह पर प्रकाश डाला, इसके अतिरिक्त सहयोग और आउटरीच गतिविधियों को बढ़ावा देने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कार्यशाला की सावधानीपूर्वक योजना के लिए आभार व्यक्त किया।
उद्घाटन सत्र में इसरो और एमिटी दोनों के वैज्ञानिकों का संक्षिप्त परिचय दिया गया। इसरो के डॉ. सुधीर कुमार एन ने चल रहे शोध को प्रस्तुत किया, जिसमें 2040 तक चंद्रमा पर एक भारतीय के उतरने के दृष्टिकोण और अंतरिक्ष मिशनों के आधार पर पेलोड क्षमता और क्षमता निर्माण कार्यक्रम को बढ़ाने की रणनीतियों पर प्रकाश डाला गया।
कार्यशाला में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस और एस्ट्रोबायोलॉजी में प्रगति पर प्रस्तुतियां और चर्चाएं हुईं, जिसमें एमिटी और इसरो दोनों की सामूहिक अनुसंधान उपलब्धियों और भविष्य की दिशाओं को प्रदर्शित किया गया। सहयोगात्मक कार्यशाला अंतरिक्ष अनुसंधान और प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने की साझा दृष्टि को साकार करने की दिशा में कदम का प्रतीक है, जो उत्कृष्टता के लिए एमिटी की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। इस अवसर पर एमिटी फांउडेशन फॉर साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन एलांयस के उप महानिदेशक डा नीरज शर्मा, एमिटी विश्वविद्यालय बैंगलोर के कुलपति, डॉ. डी. सुभाकर, एमिटी विश्वविद्यालय मुंबई के कुलपति डा ए डब्ल्यू संतोष कुमार, और विभिन्न एमिटी परिसरों के अन्य प्रतिष्ठित वैज्ञानिक उपस्थित थे।