राज्यपाल सी विद्यासागर राव के साथ भेंट के दौरान वी के शशिकला द्वारा सरकार गठन का दावा करने के बाद गुरुवार की रात इस बात यह संशय बना हुआ है कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा या नहीं, क्योंकि राज्यपाल ने अपने अगले कदम के बारे में कोई संकेत नहीं दिया है।
राव से कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम की भेंट के कुछ घंटे बाद शशिकला राजभवन में उनसे मिलीं और उन्होंने सरकार गठन का दावा करते हुए उन्हें पत्र भी सौंपा। इस पत्र में उन विधायकों के नाम हैं जिन्होंने उन्हें रविवार को अन्नाद्रमुक विधायक दल का नेता चुना था। शशिकला ने अन्नाद्रमुक विधायकों के अलग अलग समर्थन पत्र भी सौंपे।
इस संबंध में फिलहाल कोई बयान नहीं आया है कि राज्यपाल क्या करेंगे लेकिन कुछ रिपोर्टों के अनुसार वह कोई भी कदम उठाने से पहले और कानूनी राय लेना चाहेंगे। राज्यपाल से शशिकला की भेंट करीब 40 मिनट तक चली। शाम पांच बजे पनीरसेल्वम ने राव से भेंट की थी। संक्षिप्त मुलाकात के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा था कि “अच्छा ही होगा और धर्म की जीत होगी”। उन्हें फिलहाल पूर्व मंत्री ‘के पी मुनुसामी’, ‘नथम आर विश्वानाथन’, राज्यसभा सदस्य वी मैत्रियन और कुछ वर्तमान विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
सरकार गठन का दावा करने जाने से पहले अन्नाद्रमुक महासचिव शशिकला नें हरी साड़ी पहनकर कुछ वरिष्ठ मंत्रियों समेत अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता के स्मारक पर पहुंचीं। शशिकला ने स्मारक पर एक बड़ा लिफाफा रखा। समझा जाता है कि उसमें उन विधायकों की सूची है जिन्होंने मुख्यमंत्री पद के लिए उनकी उम्मीदवारी पर मुहर लगाई है। उन्होंने स्मारक पर गुलाबी की पंखुड़ियां अर्पित कीं। अन्नाद्रमुक ने दावा किया है कि पनीरसेल्वम की बगावत के आलोक में कल शशिकला द्वारा बुलायी गयी बैठक में 131 विधायक शामिल हुए थे।
शशिकला के खिलाफ बगावत करने से पहले पनीरसेल्वम ने छह फरवरी को राज्यपाल केा अपना इस्तीफा सौंपा दिया था। राज्यपाल ने उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था होने तक पद पर बने रहने को कहा था। पनीरसेल्वम ने इस्तीफा देने के लिए बाध्य करने का दावा करते हुए बगावत किया है।
पनीरसेल्वम कह रहे हैं कि यदि लोग और पार्टी कार्यकर्ता चाहते हैं तो वह अपना इस्तीफा वापस लेने पर पुनर्विचार करने को तैयार ही हैं। वैसे शशिकला को ज्यादातर पार्टी विधायकों का समर्थन जान पड़ता है लेकिन बगावत के बाद पनीरसेल्वम के प्रति जनसमर्थन बढ़ने की बात सामने आ रही है।
शशिकला के अन्नाद्रमुक पार्टी विधायक दल के नेता चुने जाने के बाद भी मुम्बई में ठहरे रहे राज्यपाल आज दोपहर बाद यहां पहुंचे। राव के पास महाराष्ट्र के साथ साथ तमिलनाडु के राज्यपाल का भी प्रभार है।